इस्लाम से पहले अरबों की अच्छी नैतिकता में से एक
उत्तर है:
- उदारता और आतिथ्य
- साहस और वीरता
- शिष्टता
- पड़ोसी की रक्षा और साधक की उत्कंठा
- वाचा की पूर्ति
इस्लाम से पहले अरबों की अच्छी नैतिकता में उनके वादों को पूरा करने की उनकी प्रतिबद्धता थी।
यह पूर्व-इस्लामिक संस्कृति का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा था, और जो कोई भी वादा तोड़ता था, उसे बहुत तिरस्कृत किया जाता था।
अपने वचन का सम्मान करने के इस दायित्व को एक जिम्मेदार और भरोसेमंद व्यक्ति होने के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में देखा गया।
यह मूल्य इस्लामी युग में चला गया, जहां यह पैगंबर मुहम्मद की मुख्य शिक्षाओं में से एक था।
कुरान ने वादे निभाने के महत्व पर भी जोर दिया, जिसमें कहा गया है कि जो लोग अपने वादे तोड़ते हैं उन्हें बाद के जीवन में दंडित किया जाएगा।
किसी की प्रतिज्ञा को रखने का महत्व आज अरब संस्कृति के कई पहलुओं में देखा जा सकता है, और यह कई मुस्लिम समुदायों के बीच एक महत्वपूर्ण नैतिक संहिता बनी हुई है।